नए कदम
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अंतिम चार पंक्तियाँ श्री शशि भूषण जी के द्वारा सुझाई गयी है।
श्री शशि भूषण आपके सुझाव के लिए एक बार फिर से “धन्यवाद”। आपकी प्रतिक्रिया अनमोल है और प्रोत्साहित करती है।
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जो कुटुंब से बिछड़ कर चला गया।
दूर देश जा कर बस गया॥
वो दूर है तो भी क्या हुआ।
चलो उसका तो भला हुआ॥
दूर हो गया कुछ साथों से।
मुक हो गया वो बातों से॥
कुछ आखें नम हुई तो क्या हुआ।
चलो उसका तो भला हुआ॥
जिन हाथों ने उसके आसूँ पोछे थे।
जिन आँखों ने उसमें सपने देखे थे॥
उन लोगों को छोड़ गया तो क्या हुआ।
चलो उसका तो भला हुआ॥
समय जब खुद को दोहरायेगा,
किया हुआ अपना याद आयेगा !
उस दिन सोचेगा कुछ गलत हुआ !
खैर, चलो उसका तो भला हुआ॥
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